नई दिल्ली /जयपुर, 13 मार्च 2021।मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने सार्वजनिक निर्माण विभाग के माध्यम से चल रहे सड़क एवं अन्य निर्माण कार्यों में गुणवत्ता पर जोर दिया है। उन्होंने विभाग के अभियन्ताओं को इन कायोर्ं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए कहा कि डिफेक्ट लॉयबिलिटी पीरियड (गारंटी अवधि) में सड़क की मरम्मत नहीं करने वाले संवेदकों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश को सड़क निर्माण की दृष्टि से देश का अव्वल राज्य बनाने के लक्ष्य के साथ काम कर रही है,उन्होंने कहा कि सड़क, ओवर ब्रिज, पुलिया आदि निर्माण परियोजनाओं पर जनता का बड़ा पैसा खर्च हो रहा है। कतिपय प्रकरणों में कम गुणवत्ता के निर्माण के चलते सड़कें निर्धारित अवधि से पहले ही क्षतिग्रस्त हो जाती हैं, विभाग की जिम्मेदारी है कि जो भी सड़कें बनें वे टिकाऊ हों और लम्बे समय तक चलें। गुणवत्ता की जांच के लिए थर्ड पार्टी विशेषज्ञों का सहयोग भी लिया जाए।
श्री गहलोत ने निर्देश दिए कि जिलों में क्षतिग्रस्त सड़कों, पुलियाओं तथा सड़क मार्गों पर हो रहे अतिक्रमण की शिकायतों के निराकरण के लिए उनकी जियो टैगिंग एवं मैपिंग की जाए। इसमें ऎसी भी व्यवस्था की जाए कि स्थानीय नागरिक अपने इलाके की क्षतिग्रस्त सड़कों फोटो खींचकर विभाग को उनकी स्थिति की जानकारी और निर्माण कायोर्ं की गुणवत्ता पर फीडबैक भी दे सकें। उन्होंने कहा कि सभी निर्माण कार्य निर्धारित टाइम फ्रेम में पूरे हों ताकि सरकार की मंशा के अनुरूप आमजन को उनका समय पर लाभ मिल सके।
मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण कार्यों में भूमि अधिग्रहण से सम्बन्धित मामलों में बेहतर समन्वय के लिए प्रकरण को मुख्य सचिव के स्तर पर गठित समिति के समक्ष लाया जाना चाहिए, ताकि उस पर त्वरित कार्यवाही कर काम को गति दी जा सके,उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के काम को लेकर नीति आयोग द्वारा जारी देश के 10 बड़े राज्यों की परफोरमेंस रैंकिंग में राजस्थान दूसरे नम्बर पर है।
मुख्यमंत्री ने सड़क निर्माण में प्लास्टिक अपशिष्ट के उपयोग के नवाचार की सराहना की और कहा कि इससे पर्यावरण प्रदूषण को कम करने में मदद मिलने के साथ-साथ सड़कें भी अधिक टिकाऊ बन पाएंगी।